कटितट-पीत-दुकूल-विचित्र-मयूख-तिरस्कृत-चन्द्ररुचेप्रणत-सुरासुर-मौलिमणिस्फुर-दंशुल-सन्नख-चन्द्ररुचे ।जित-कनकाचल-मौलिपदोर्जित-निर्भर-कुञ्जर-कुम्भकुचेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १६ ॥
विजित-सहस्रकरैक-सहस्रकरैक-सहस्रकरैकनुतेकृतसुरतारक-सङ्गरतारक-सङ्गरतारक-सूनुसुते ।सुरथ-समाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १७ ॥
Podchaser is the ultimate destination for podcast data, search, and discovery. Learn More